
हर साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। साल 2025 में जन्माष्टमी का व्रत 15 अगस्त को रखा जाएगा, जबकि ISKCON जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी।
इस पावन दिन लड्डू गोपाल के भक्त उपवास रखते हैं, पूजा करते हैं और रात 12 बजे उनके जन्म के साथ व्रत का पारण करते हैं। परंतु सिर्फ व्रत रखना ही काफी नहीं, शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करना भी उतना ही जरूरी है।
जन्माष्टमी व्रत के 14 जरूरी नियम
अष्टमी तिथि में ब्रह्मचर्य पालन अनिवार्य है
इस दिन मानसिक और शारीरिक संयम अत्यंत जरूरी होता है।
दिन में न सोएं
व्रत के दिन सोना निषेध माना गया है, इससे व्रत का फल घटता है।
अन्न और नमक का सेवन वर्जित
इस दिन अन्न और सेंधा नमक के अलावा किसी भी सामान्य नमक का प्रयोग नहीं करें।
व्रत में क्या खाएं
फल, दूध, दही, कुट्टू, साबूदाना, मखाना, नारियल पानी और ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं।
पारण रात 12 बजे जन्म के बाद करें
रात्रि 12 बजे कृष्ण जन्म के बाद ही व्रत का पारण करें, उससे पहले नहीं।
पूजा से पहले और दौरान ध्यान रखें ये बातें
सुबह-शाम पूजन करें
भगवान कृष्ण की आरती, मंत्र जाप और भजन करें।
गुस्से और नेगेटिविटी से दूर रहें
व्रत का उद्देश्य मन और विचारों की शुद्धि है, इसलिए नकारात्मकता से बचें।
बाल, नाखून, दाढ़ी न काटें
इस दिन शरीर पर किसी भी प्रकार का कटाव अशुभ माना गया है।

पारण से पहले दान जरूर करें
गाय को चारा दें या किसी ज़रूरतमंद को अन्न वस्त्र का दान करें।
इन बातों का विशेष ध्यान रखें
काले रंग के वस्त्र या चीजों से बचें
कृष्ण जी की पूजा में काले रंग का कोई स्थान नहीं।
प्रसाद वही खाएं जो कृष्ण को भोग लगाएं
जो भी भोग लगाएं, वही प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
पूजा में सिर ज़रूर ढकें
खुले सिर पूजा करना अशुभ होता है, खासकर महिलाओं के लिए।
खुले बालों में पूजा न करें
खासकर महिलाएं – बाल बांधकर और सिर ढककर ही पूजन करें।
गुरु और बुजुर्गों का आशीर्वाद लें
व्रत के बाद घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर ही व्रत पूर्ण मानें।
जो व्रत न रखें, वे भी क्या करें?
अगर आप व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो भी इन नियमों में से अधिकतम का पालन करें – जैसे मांस-मदिरा से परहेज़, काले रंग से दूरी, और दिन में सोने से बचना। इससे भी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।